नदियों  को अविरल बहने दो, नदियों को निर्मल रहने दो – नदी  संवाद संगोष्ठी

By | May 30, 2025

नदियां हमारी आर्थिक,  सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन का आधार है।  भोग  पर आधारित आधुनिक विकास नीति  एवं समाज की उपेक्षा के कारण नदियां आज अपने अस्तित्व का संकट झेल रही हैं।  सभ्यताएं नदियों के किनारे विकसित हुई है,  लेकिन आधुनिक सभ्यता नदियों को मार रही है।

नदियां हमारी जीवन रेखा हैं। इन्हें सुरक्षित एवं संरक्षित करना आज का युग धर्म है । इसलिए नदियों को बचाने  व पुनर्जीवित करने के लिए अनेक व्यक्ति व समूह कार्य कर रहे जिनके बीच संवाद एवं  सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता है।   नदी आंदोलन से जुड़े बंगाल के साथियों की पहल पर नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन की शुरुआत की गई है।  जिसमें   नदियों पर काम करने वाले कई  राज्यों के साथी   शामिल हैं।

कोरोना  के कारण काफी दिनों से साथियों से मिलना नहीं हुआ।  कोरोना काल में जहां आम आदमी जीवन और जीविका के बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था , वही सरकार और कॉर्पोरेट गठजोड़ इस अवसर का उपयोग संविधान प्रदत्त अधिकारों को कुंद करने,  लोगों की आवाज दबाने , पर्यावरण संरक्षण कानून को कमजोर करने तथा प्राकृतिक साधनों संसाधनों के कारपोरेटी लूट की खुली छूट देने के लिए किया ,जिससे स्थिति और खराब हुई है।

अभी तक नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन के कार्यक्रम पश्चिम बंगाल,  झारखंड,  उड़ीसा आदि राज्यों में हुए हैं।  इस  क्रम को आगे बढ़ाते हुए   पटना  , बिहार में 1 दिन की बैठक  16 जुलाई, 2023 को बुलाई गई है।  इस बैठक में  बिहार , झारखंड,  पश्चिम बंगाल, उड़ीसा,  उत्तर प्रदेश,   मध्य प्रदेश  आदि राज्यों के साथियों के भाग लेने की संभावना है।

 इस बैठक में विशेष रूप से  बिहार में नदियों की स्थिति के बारे में भी विमर्श होगा।  बैठक 16 जुलाई , 2023 सुबह 10 बजे से  शाम 5 बजे तक चलेगी।  इस बैठक में आप सादर आमंत्रित हैं।

बैठक इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, इन्स्टीट्यूशनल एरिया, (IGNOU Regional Centre, Institutional Area) मीठापुर, पटना –  800001  में होगी।

पटना  सम्पर्क  : नीरज      मो.   9334724789

तापस दास             अशोक भारत

9830779291     8709022550

      

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