आद/ प्रिय,
युवा संवाद अभियान की बैठक 8-9 अप्रैल, 2017 को राजघाट,नई दिल्ली में हुई। इस बैठक में देश के वरिष्ठ गांधीजन, लेखक, पत्रकार, सामाजिक एवं युवा कार्यकर्ता शामिल हुए।
बैठक में इस बात पर सर्वसम्मति थी कि आज का संकट बहुत गहरा है। आज की चुनौति का मुकाबला करने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। आजादी और उसके बाद जिस विजन, दिशा, मूल्यों और कार्यक्रमों पर राष्ट्रीय सहमति थी उसको चुनौति देनेवाली, उस राष्ट्रीय सहमति को विघटित करने वाली और राष्ट्र को विपरीत दिश में ले जाने वाली कटिबद्ध ताकतें आज हाशिए से केन्द्र में आ गयी हैं। भारत का नव मध्यम वर्ग में सूचना क्रांति के द्वारा उत्तर आधुनिक युग की मानसिकता का विस्फोट हो रहा है।यह नयी मानसिकता आधुनिकता से उपजी सभी मानववादी अवधारणाओं और मूल्यों को नकारती है। यह सादगी के मूल्य और जीवन शैली का अवमूल्यन करती है। पृथ्वी को विलास और विहार भूमि के रूप में परिभाषित कर अमर्यादित भोगवाद के लिए जमीन तैयार करती है। यह मानव और प्रकृति और सभी मानवीय रिश्तो को नैतिक बंधनो से मुक्त कर अनैतिकता के एक शून्य का विस्तार करती है। यह मानव स्वतंत्रता की ऐसी परिभाषा प्रस्तुत करती है,जिसकी परिणति उग्र व्यक्तिवाद में होती है और उन सभी पारंपरिक संस्थाओं के आधार को नष्ट करती है,जो मानव समाज को सुरक्षा और निरंतरता प्रदान करते आए है। भारत के मध्यम वर्ग में इस प्रकार की मानसिकता का उभार एकदम नई प्रक्रिया है, जो भारतीय पुनर्जागरण और स्वतंत्रता संग्राम की सभी आस्थाओं, मूल्यों, प्रतिबद्धताओं और सपनों पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। मध्यमवर्ग राष्ट्र निर्मान और विकास में योगदान की दृष्टि सेे अयोग्य, असक्षम और असमर्थ साबित हो रहा है। उसकी जड़े अपनी देश की मिट्टी से कटती जा रही है और वे अपने देश के जन साधारण से अलग होते जा रहे हैं।वह पश्चिमी देशों के इस मिथक से अभी तक मुक्त नहीं है कि पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण ही भारत की नियति है यानी पश्चिम का विकास माँडल ही हमारे विकास का माँडल है। स्पष्ट है यह संकट विकास की उपभोक्तावादी पश्चिमी माँडल को अपनाने से उत्पन्न हुआ है। साम्राज्यवाद और साम्प्रदायिकता एवं फासीवाद एक ही सिक्के के दो अलग-अलग चेहरे हैं। संवाद की इस प्रक्रिया को सतत चलाने की आवश्यकता है। अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल करना चाहिए। राजसत्ता लोकहित और नैतिक बल के आगे झुके इसके लिए लोकशक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता है। नैतिक शक्ति आधारित लोक संगठनों का निर्माण एवं उसके माध्यम से नए मूल्यों को दाखिल करने की आवश्यकता है। लोक शिक्षण के द्वारा लोकविरोधी नीतियों के विरुद्ध व्यापक सत्याग्रह आज वक्त की मांग है।विकास की सही अवधारणा लोगों के बीच लाने की आवश्यकता है। हमें प्रतिक्रया नहीं सकारात्मक पहल करनी चाहिए। आन्दोलन से जो ऊर्जा निकलती है उसे टिकाने के लिए रचनात्मक कार्य खड़ा करना जरुरी है। हमें समता, स्वत्रंता, न्याय एवं रोजगार के सवाल को केन्द्र में रख कर कार्य योजना बनानी चाहिए।
अभियान दीर्घकालीन योजना के साथ कार्य करेगा। इसका पहला पड़ाव 2019 है। 2019 तक अधिक से अधिक युवाओं से संवाद का लक्ष्य है।
बैठक में लिए गए महत्त्वपूर्ण निर्णय
कार्यक्रम
1. राज्य स्तर पर युवा शिविर, कार्यशाला एवं सम्मेलन का आयोजन करना।
2. इस वर्ष प्रथमिकता के आधार पर बिहार, झारखण्ड, उ.प्र., म.प्र., राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखण्ड, तेलंगना एवं आन्ध्र प्रदेश आदि राज्यों में कार्यक्रम आयोजित करना।
3. राज्यस्तरीय अभियान टीम का गठन ।
4. यात्रा का आयोजन
5. अभियान के लिए साहित्य,पर्चा, बुकलेट आदि का निर्माण करना
6. अभियान के लिए फिल्म जुटाना व निर्माण करना
7. सही विकास नीति के लिए संवाद आयोजित करना
8. नदी एवं पानी के सवाल पर संवाद एवं कार्यक्रम
9. कबीर मेला का आयोजन
कोष
1. अभियान के लिए कोष बनाया जाय
2. लोगों से आर्थिक सहयोग के लिए अपील किया जाय
3. टीम बना कर अभियान के समर्थक, सहयोगी एवं शुभचिंतको से कोष इकट्ठा करना
4. लोगो से प्रति माह या वर्ष में एक बार अभियान के लिए कोष इकट्ठा करना
5. कार्यक्रम के दौरान अपील कर कोष संग्रह करना
जिम्मेदारियाँ :
बैठक में उपस्थित लोगों ने निम्नलिखित जिम्मेदारियां ली।
1. जागृति राही : उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड महीने में दस दिन
2. वीरेन्द्र क्रांतिकारी : राजस्थान, उ प्र और दिल्ली
3. संजय सिंह : मध्य प्रदेश और दिल्ली
4. अजय प्रताप सिंह : बिहार
5. उमेश तुरी : झारखण्ड
6.. तापस दास : पश्चिम बंगाल
7. दयानन्द : महाराष्ट्र, उ प्र
8. ए के अरूण : , अभियान के लिए बुकलेट बनाना , दिल्ली एवं आस-पास के राज्यों में सम्पर्क करना
9. के यादव राज : तेलंगना
10. अंकित : बुन्देलखण्ड
11. सरिता भारत : राजस्थान
12. अशोक भारत : बिहार, झारखण्ड और तेलंगना
संगठन
1. अभियान से सहमत लोगों को शामिल कर एक राष्ट्रीय अभियान टीम का गठन । संवाद कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल करना
2. वरिष्ठ एवं अनुभवी व्यक्तियों को शामिल कर अभियान के लिए एक मार्गदर्शक परिषद का गठन इसमें राधा भट्ट, प्रवीणा देशाई, डा. एस एन सुब्बाराव, अमरनाथ भाई, रामचन्द्र राही, दीपक मालवीय, विलास सोनवणे, अन्नामलाई, डा.सुजाता चौधरी, प्रो.कमल नयन काबरा, अरुण कुमार त्रिपाठी, उर्मिला श्रीवास्तव, राम मोहन राय, विद्याभूषण सिंह, राजपाल मिश्र, धर्मेन्द्र राजपूत को शामिल किया गया है। देश के अलग-अलग हिस्से में संवाद आयोजित कर ज्यादा से ज्यादा लोगोंको इसमें शामिल करने का प्रयास होगा।
3. एक संचालन टीम का गठन किया गया है। इसमें अशोक भारत, डा. ए के अरुण, संजय सिंह, वीरेन्द्र क्रांतिकारी, दयानन्द एवं जगृति राही को शामिल किया गया है।
4. मिडिया टीम : अरुण कुमार त्रिपाठी, ए के अरुण, अशोक झा, सरिता भारत ,दीपक कथुरिया
इस बैठक में राधा भट्ट, अमरनाथ भाई, रामचन्द्र राही, प्रो. कमल नयन काबरा, अरुण कुमार त्रिपाठी, डा. ए के अरुण, संजय सिंह, राममोहन राय, सौरभ वाजपेपी, जागृति राही, वीरेन्द्र क्रांतिकारी,अशोक झा, अभयनाथ, अजय सहाय, दयानन्द, अरुणाभ सौरभ, सौरभ कुमार सिन्हा, दीपक कथुरिया,बबली,अंकित, नितेश, अन्सार अली, विद्या भूषण सिंह, अजय प्रताप सिंह, तापस दास,धर्मेन्द्र राजपूत, हंस राज, राजपाल मिश्र, शिवा त्रिपाठी, मृणाल त्रिपाठी, ,अशोक शरण, नुसरत खान, शऊर ए खान, मानवेन्द्र कुमार, रवि नितेश एवं अशोक भारत सहित 45 लोग शामिल हुए।
गांधी आश्रम नोवाखाली , बंगलादेश के निदेशक नव कुमार राहा भी इस बैठक में शामिल हुए। गांधी स्मारक निधि के सचिव संजय सिंह ने खादी वस्त्र भेट दे कर उनका स्वागत किया।
प्रवीणा देशाई, डा. सुजाता चौधरी, सरिता भारत, उर्मिला श्रीवास्तव, चन्दन पाल,अन्ना मलाई एवं डा. सुगन बरंठ अलग-अलग कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो सके जिसकी सूचना उन्होने दी थी।
कार्यक्रम सर्वघर्म प्रार्थना तथा नितेश द्वारा प्रस्तुत क्रांतिगीत ‘आओ हम इतिहास बनाए’ ……से प्रारम्भ हुआ। अभियान की तरह से गांधी स्मारक निधि के नव निर्वाचित अध्यक्ष रामचन्द्र राही का सत्कार अमारनाथ भाई और सचिव संजय सिंह का सत्कार राधा भट्ट ने खादी वस्त्र भेटकर किया।
कार्यक्रम के दौरान युवा कवि अरुणाभ सौरभ तथा सौरभ कुमार सिन्हा ने कव्य पाठ भी किया जिसे काफी सराहा गया।
सादर
निवेदक अशोक भारत| ए के अरुण संजय सिंह दयानन्द वीरेन्द्र क्रांतिकारी जागृति राही